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Tuesday, July 21, 2020

अनुक्रणिका 6, मनुष्य जीवन में कोन केसा होना चाहिए।: / जीवन की अनमोल विचार

6.मनुष्य जीवन में कोन केसा होना चाहिए।: 

                     

                           

हेल्लो, प्रिय मित्रो 

   

  आप जानते है कि, मनुष्य का व्यवहार , बर्ताव ओर स्वभाव से पहचान होती है। तो, जीवन में किस तरह दूसरों से व्यवहार करना चाहिए। केसे सब के साथ रहन सहन रखनी होगी। हमारी सोच ओर विचार को केसे बदले ओर समझे । जीवन में एक अच्छा ओर आकर्षित सच्चा इंसान बनना ही इंसानियत है।  सब के दिल को बस जाना ही एक अच्छा स्वभाव ओर व्यवहार होता है। हमारा व्यवहार केसा है , हम खुद को पता है। हमे अपने आप को बदलना चाहिए।


      एक छोटा सा परिवार की तरफ से समझना चाहूंगा। आशा आप सभी जानने की प्रयास करे ओर अपना जीवन को सुखमय बनाए ।  खुद के साथ दूसरों को समझने की कोशिश करें। एक परिवार में जितने भी सदस्य होते है। उसी तरह आप से बात करेगे।   परिवार में माता , पिता , भाई ,बहन, दादा, दादी, ओर भाभी किसी की परिवार में एक से ज्यादा भाई बहन होते है। लेकिन हमे यहां सिर्फ समझने के लिए पात्र लिए। ओर इसी मुदे पे बात करेंगे।  परिवार यानी स्वप्नों का घर एक खुशियों से भरा जीवन कहा जाता है। जीवन में परिवार से ओर कुछ खुशी नहीं होती है। जब परिवार साथ में हो तो सब मुश्किल दूर होती है। परिवार ही हमारी दुनिया/ संसार  होता है। परिवार के एक एक सदस्य हमे सबसे ज्यादा खुशी देती है। इसीलिए, परिवार से घर चलता है। संस्कार से सदस्य जीवन प्रेम से भरा होता है। हर पल परिवार के सदस्य ही अपनों का अहेशास करवाते है।  दुनिया वाले लाखों पाते करते है। लेकिन एक अपना लाखो बातो को नजर अंदाज करता है ओर परिवार से जुड़ जाता है। अपना विश्वास अपनों पे होता है। किसी ओर से लगाव नहीं रखता है। सबसे पहले अपनों का साथ देता है। पराए, आखिर में पराए ही रहते है।  परिवार के सदस्य किसी भी मुश्किल में साथ देते है , कभी भी आप से दूर नहीं जाएंगे। जो अपनों को ओर अपने प्यार को नहीं समझ पाते वोह इनसान किसी दूसरे का भी नहीं बन पाता है। परिवार से बड़ा कोई अपना नहीं। सब कुछ सुख परिवार से मिलता है। परिवार से कुछ बाते आपसे सुने भी मिलेगे। लेकिन उस में प्यार छुपा होता है।  परिवार के सदस्य हमे कुछ भी कहते है हमारे लिए भालाय की बाते होती है। हमे एक सच्चा रास्ता दिखने के लिए कहा जाता है। अपना परिवार अपना है। किसी ओर के परिवार में वह दुख वह अपनापन नहीं मिलेगा जो अपने परिवार में मिल पाएगा। आप लाख गलती करो अपने परिवार के सदस्य लाख गलती माफ कर लेंगे। लेकिन इनसान को खुद को पता होना चाहिए।। अब और गलती हमें नहीं करनी है।। समझे कि , अपना परिवार ही सच्चा है। ओर में गलती करता हूं। अपनों के साथ ही गलत ओर नफरत की दीवाल बना रहा हूं।।  संसार में वह इनसान बहुत खुश होता है। जो अपने परिवार को कभी भी हालत में नहीं छोड़ता है। लेकिन वह इनसान दुःखो से भरा होता है। अपने ही परिवार से दूर ओर नफरत करता है। जीवन में हमेशा दुःख में रहता है। इसीलिए , जीवन में परिवार से कभी भी दूर मत होना । अपने परिवार का पवित्र रिश्तों को निभाए उने छोड़े नहीं। महेसुस करे कि परिवार से बढ़कर कोई दौलत ओर सुख नहीं।  



À: पिता केसा होना चाहिए: 


       एक पिता का महत्व परिवार का रक्षक है। दुःख सुख में हमेशा साथ रहता है। अपने संतानों को सही दिशा दिखता है। हर पन साथ देता है। संतान जो भी चाहता है उने समझता है ।  ओर जीवन में मदद रूप बनता है। सब की सेवा करता है। परिवार का जिम्मेदारी अपने कंधो पे उठता है। एक पिता परिवार के लिए बहुत कुछ करता है। रात दिन महेनत करता है। अपने संतानों को किसी भी चीज की कमी ना हो। सबसे प्यार करता है एक  अनेरी मुस्कान लाते है। एक पिता का सायरा अपने संतान होते है।  


     एक पिता अपने अपने परिवार को बहुत अच्छे से समझता है। अपनी पत्नी ओर बच्चे को करुणा भाव से व्यवहार करता  है। पत्नी का स्थान सबसे ऊंचा रखता है। इज्जत करता है मान सम्मान देता है। अपने वडिलो के प्रति प्रेम भाव होता है। सत्य ओर धर्म का पालन करता है।  सभी के प्रति अच्छा बर्ताव करता है। सब की सूंता है। कहीं भी गलत कार्य नहीं करता है। सत्य को स्वीकार करता है। कभी भी गुस्सा नहीं करता । अपनों को अच्छे संस्कार देता है।। परिवार से भूल होती है।  तब एक सही दिशा निर्देश करता है। पिता का प्यार एक अनेरी मुस्कान देती है। पिता के बिना परिवार सुना सुना लगता है। किसी भी कार्य में साथ नहीं मिलता है। पिता हो तो सब कुछ अच्छा ओर आकर्षित होते है। किसी भी कार्य में सफलता मिलती है। एक पिता सबसे बड़ा मदद गार रूप है। जो हमेशा के लिए साथ रहता है।  पिता अपने परिवार के लिए सिर्फ अच्छा ही सोचता रहता है। पिता से ही सब कार्य आसान हो जाता है। पिता जीवन भर का साथी है। पिता के चरणों में दुनिया की सारी खुशी होती है। एक ही संसार का मार्गदर्शक होता है। पिता का प्यार एक बार ही मिलता है। एक ही सहारा पिता का प्यार।

पिता के बिना कुछ भी नहीं ।



B:माता केसी है होनी चाहिए।: 


     मातापिता जन्मदाता  का स्थान है। एक माता के चरणों में स्वर्ग होता है। माता जगत जननी है।  अमर प्रेम बरसाती है। माता अपने संतान के साथ ही सबसे अधिक मातृत्व होता है।  एक माता के लिए अपनों संतानों का प्यार ही होता है। एक माता के लिए सब संतान एक ही सम्मान है।  सब को एक जैसा ही प्रेम करता है। माता के नजरो में सब बच्चे अपने संतान ही मान लेती है। सब को प्यार से देखती है। किसी भी संतान ओर अन्य लोको से नंदा , नफरत, वेर , क्रोध , ईर्षा, नहीं रखता है।  माता के चरणों में प्रेम का ही सार होता है। माता का प्यार अतुट है। माता पुत्र का संबंध जन्मोतर का है। एक माता की नज़रों में अपने संतानों को हमेशा सुख देने में भी अपनी खुशी होती है। अपने संतान को दुःख में नहीं  देख सकता है। सन्तान को सही दिशा निर्देश करता है। एक माता का सुख अपने संतान की जीत में होती है। जब संतान जीवन में सत्य धर्म और परंपरा के साथ चलता है। तब एक माता के लिए बहुत खुशी की बात होती है। माता के अपने कर्तव्य से कभी पीछे नहीं हटती है।


       एक माता के लिए अपनी संतान ही दुनिया है। सब सुख का कारण है अपनी संतान होती है। संतान  अपनी माता की नज़रों का तारा होता है। संतान को हमेशा साथ ले चलता है। संतान भूल करते हुए भी एक माता अपने संतान को पल भर में क्षमा कर देती है।  एक माता का वर्णन करना बहुत मुश्किल है। माता जो है। वोह नहीं है। ओर जो नहीं है वह माता। माता का प्रेम भाव अनेरी है। 




C: संतान केसी होनी चाहिए: 


       संतान जिस में बेटा ओर बेटी एक समान होती है।  मातापिता के नजरो एक ही सम्मान है। दोनों संतानों को एक जेसा ही प्रेम करता है। कभी भी  भेदभाव से नहीं देखता है। अपनी संतान में सारी खुशी ओर सुख को देखती है।। जीवन का सहारा  अपनी संतान है। एक संतान के लिए यह सोच ना बेहद जरूरी होता है। कि, हमारे जन्मदाता मातापिता है। हमे मातापिता का आभार व्यक्त करना चाहिए। हमे बचपन से लेकर आज तक बड़े होने तक हमारा सहारा बने। हमे  बहुत सारी खुशी दे। अपनी जरूरतों को पूरा किया । हमारे सारे स्वप्ने पूरे किए। हमारे लिए सब कुछ किया। हमे बचपन से पढ़ाया लिखाया ओर शिक्षित बनाया। जो भी अभ्यास करना था सब कुछ किया। पढ़ लिख कर एक अच्छी नौकरी मिली ।  जीवन में सब कुछ प्राप्त किया। जीवन में बहुत खुश है। किसी भी वस्तु की कमी नहीं है। आज जो भी है हम अपने मातापिता की कर्तव्य से है। इसीलिए हमें आज मातापिता के प्रति कर्तव्य हमारी है । जो आज हमें निभाना होगा। इस जीवन कार्य  को करना होगा। 



        संतान को अपने मातापिता के लिए सब कुछ कार्य करना चाहिए।  मातापिता के लिए दुनिया की सारी खुशियां चरणों में समर्पित करना चाहिए। मातापिता की को भी  खुशी हो उस में सामिल होना चाहिए। मातापिता का आज्ञा का पालन करना होगा । जो कहे , उने करना चाहिए।। मातापिता का सम्मान करे  इज्जत करे ओर सुख दुःख में साथ दे। कभी भी अपने मातापिता का साथ नहीं छोड़े। अपने जीवन में मातापिता स्थान आप के पहले हो। एक कर्मयोगी संतान बने।  आप की सारी खुश मातापिता की खुशी में होनी चाहिए। मातापिता का बढ़ती उम्र में साथ दे। उने जीवन में सहारा बने। जीवन का अंतिम समय तक मातापिता का साथ कभी ना छोड़े। एक संतान का संस्कार अपने मातापिता के सेवा में होता है।  


D:पति केसा होना चाहिए।:


    पति ओर पत्नी का रिश्ता पवित्र  होता है। किसी के परिवार में संबंधो का कड़वा हट  एक परिवार दूसरे परिवार जुड़ने पे होता है। कभी कभी अपने परिवार में ही शत्रु का कारण बन जाते है।  पति ओर पत्नी का रिश्ता पवित्र है । लेकिन जीवन में एक बात स्मरण में रखना बेहद ही जरूरी है।। आप जिस को भी जीवन साथी बनना चाहते है। पहले जीवनसाथी के बारे में जानना ही आप की जवाबदारी होती है।  मेरा कहने का मतलब है कि, सब पुरुष/स्त्री एक जैसी नहीं होती है। सभी के संस्कार अच्छे नहीं होते है। यदि आप को एक जीवन साथी संस्कारी मिली है । तो, आप के लिए बहुत खुशी की बात है। आपका घर स्वर्ग जैसा सुंदर बन जाएगा।   लेकिन आप को एक असंस्कारी पत्नी/पति मिली हो तो। आप का जीवन दुखो से भरा जीवन हो जायेगा। कहे का मतलब है कि, परिवार में कड़वा हट एक नई बहू के वजह से होता है। जब बहू का संस्कार अच्छे है। तो, ठीक है। जीवन सुखमय होगा। सब परिवार में साथ में रहेंगे।  लेकिन , किस तरह जीवन साथी के चाल चलन ठीक नहीं हो। जीवन में संस्कार नाम कि कोई स्वभाव नहीं हो। किसी भी अच्छे भूरे के फर्क नहीं समझती हो। किसी भी सदस्य के साथ अच्छा व्यवहार करना आता नहीं हो। अपने ही परिवार के साथ नफरत की दीवाल खड़ी करती हो। एक पति के लिए। एक अच्छी पत्नी होनी जरूरी है। जितनी अच्छी पत्नी होती है। उतनी ही जीवन ओर परिवार में खुशियां लाती है।  यदि पत्नी अच्छी नहीं है तो एक पति का फर्ज होता है। कि, अपनी पत्नी को सही दिशा निर्देश करे। 


     अपने परिवार में सब से प्यार से  रहना पसंद करे। सब भी से आदर ओर सम्मान करे । परिवार में सुख का कारण बने । सब के दिलो में  स्थान बनाए। सब की सुने सब को अच्छा लगे ऐसा कार्य करे। एक अच्छी बहू का फर्ज निभाए । अपना परिवार को खुशियों से भरा फुला करे।  सब कर्तव्य को एक अच्छी संस्कारी बहू की तरह निभाए। अपने घर को जीमेदारी का फर्ज निभाए। सही अच्छे कार्य करे। किसी को कभी सिकायत का मोका ना मिले।पति एक पत्नी को सारे फर्ज के बारे में समझा सकता है।


     अगर पति ही अपने पत्नी की चालाकी में डूबा जाए तो , ऐसे पति को किया कहना चाहोगे।  तब परिवार में एक बहुत बड़ा दुखो पहाड़ टूटता है। अपने ही परिवार में शत्रु बन जाता है। अपने मातापिता को पराया कर देता है। अपने बहन भाई का नाता  छोड़ देता है। घर बिखर जाता है। परिवार दु:खो से भरा हो जाता है। एक गलत से एक गलत सोच से अपने ही परिवार में शत्रु बनते है।  


      एक पति अपने पत्नी की इज्जत करे मान सम्मान दे।  दुनिया की सारी खुशी दे। पत्नी की एक अच्छी बाते सुने  ओर समझे । पत्नी की जरूरतों को ध्यान में रखे। पत्नी की दुःख ओर सुख का साथी बने । जीवन भर के लिए साथ दे। कभी भी अपनी से दूर नहीं करे। एक अच्छा पति  बने । एक पत्नी के नजरो में सच्चा इंसान बने अपने आप में इंसानियत को बसा ले।। जीवन में परिवार से साथ अपने पत्नी की जीमेदारी समझे। अपने पत्नी सारी जरूरत को पूरा करे। अपने पत्नी को सारे बंधनो से मुक्त करे। पत्नी जो भी करना  चाहती है।। वोह सब करने में मदद रूप बने। एक अच्छा कार्य में साथ दे ओर सच्चे मन से आभार व्यक्त करे। जीवन में एक अच्छा पति बने ओर पत्नी का दिल में जगह बनाएं।



E:पत्नी केसी होनी चाहिए:


     एक अच्छी पत्नी हर किसी के भाग्य में नहीं होता है। एक अच्छी संस्कारी बहू हर किसी के भाग्य में नहीं होती । वोह घर के सदस्य  नशिब्दार होते है। जिसे बहुत अच्छी संस्कारी बहू , पत्नी ओर भाभी मिलती है। अगर ,बहू अच्छी हो तो सारे घर को खुशियों से भर देता है। सब भी आदर सम्मान से  रहते है। प्यार से रहना सीखती है। सब के बारे में चिंता रहती है। सब की सेवा करती है। एक अच्छी पत्नी एक अच्छी बहू भी होनी चाहिए। पत्नी अपने परिवार का हिस्सा बनती है। परिवार का दुःख अपना दुःख मानती है। परिवार के सुख ही अपना सुख मानता है। सबसे पहले दूसरों का विचार किया करती है। परिवार के सभी सदस्य बेहद अहम ओर सब से प्यार करती है। एक सच्चा  रिश्ता निभाती है। 


       एक पत्नी अपने परिवार के साथ साथ अपने पति का भी अमूल्य योगदान निभाती है। सुख दुःख के साथी बनते है।  अपने पति का पतिधर्म ओर कर्तव्य को निभाती है। पत्नी पति का साथ कभी नहीं छोड़ती है।। पति ओर पत्नी के बीच प्यार  होना जरूरी है। जीवन में पति ओर पत्नी में प्यार ना तब रिश्ते में दरार आना चालू होता है। पत्नी एक अच्छी बहू और अपने परिवार को चलाने में  सक्षम होनी चाहिए। कभी भी परिवार से साथ नहीं छोड़ना चाहिए। पराए , लोको से परिवार की इज्जत को कभी भी मज़ाक नहीं बनना । अपना परिवार ही हमारी दुनिया होती है। 

एक अच्छी पत्नी का फर्ज निभाए। 

एक अच्छी बहू का फर्ज निभाए

एक अच्छी भाभी का फ़र्ज़ निभाए

एक अच्छी मा का फ़र्ज़ निभाए

एक अच्छी सास की फ़र्ज़ निभाए 

एक अच्छी दादी का फ़र्ज़ निभाए


      सबसे पहले एक अच्छी बेटी का फर्ज निभाती है। इस के बाद एक अच्छी पत्नी की फ़र्ज़ निभाती है।  एक स्त्री एक नारी सब में अटूट रिश्ता निभाता है। जन्म से नारी शक्ति अपने कर्तव्य से कभी नहीं  पीछे हटती है। इसी नारी जो सब की प्रति प्रेम भाव रखती हैं। 


 


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